ऐ जिंदगी रहम कर इस दिल पर
थोडा संभलकर जीने दे
कांटे इतने बीछाए राहों में
अब थोडे फूल भी बीछादे
रुलाती आयी है तू हमेशा
अब थोडा हंसा भी दे
इश्क करना सीखाया तूने
हमसे थोडा इश्क तू भी करले
डर लगता हैं मुस्कुरानेसे
कही गम ना राह में आए
यू तो आदतसी है गमोंसे उलझने की
बस मन बैठा है सुखकी आस लगाएं